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Friday, December 5, 2025

जिला स्तरीय उपचारात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न ….
छात्रों में गुणवत्ता बढ़ाना शिक्षक का दायित्व – जिला शिक्षाधिकारी

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रायगढ़ व सारंगढ़ जिला के चार सौ शिक्षक हुए प्रशिक्षित

रायगढ़ । कोरोना काल में पढ़ाई लिखाई ठप होने के कारण बच्चों में आई शैक्षणिक गुणवत्ता की कमी को पूर्ति के लिए उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम 28 जनवरी को जिला स्तर पर संपन्न हुआ जिसमें विकासखंड स्तर के पीएलसी सदस्यों का प्रशिक्षण एवं विषय पर चर्चा कर बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की गई। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समग्र शिक्षा के संयोजन में संपन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम में रायगढ़ एवं सारंगढ़ जिला के लगभग 400 शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल हुए ।


उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम रायगढ़ में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना एवं छत्तीसगढ़ के राजगीत की सामूहिक स्वरों में गायन के साथ की गई । इस अवसर पर समग्र शिक्षा के सहा. जिला परियोजना अधिकारी जे.के. राठौर ने उपचारात्मक शिक्षण के बारे में जानकारी देते हुए इस प्रशिक्षण के विषय बिंदुओं से उपस्थित शिक्षकों को अवगत कराया अपने उद्बोधन में श्री राठौर ने बेसलाइन परीक्षा परिणाम प्रकार योजना के बारे में भी जानकारी दी इसके पश्चात प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा क्रमशः अलग-अलग विषय बिंदुओं पर अपना मार्गदर्शन दिया गया । व्याख्याता अनिल गुप्ता द्वारा उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम के तहत लर्निंग आउटकम अर्थात बच्चों को सीखने सिखाने के संभावित परिणाम पर विवेचनात्मक मार्गदर्शन दिया गया तथा कमजोर बच्चों के बेहतर उपचार की दिशा में प्रयास के उपायों को भी बताया।


इस अवसर पर विशेष रूप से पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी बी. बाखला ने अपने उद्बोधन में शिक्षक की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि बच्चों के गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए केवल स्कूल में पढ़ा देना ही हमारा कर्तव्य नहीं है बल्कि बच्चों को कल्याण कारी समाज व राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने के काबिल बनाना भी हमारा दायित्व है । जिला शिक्षा अधिकारी श्री बाखला ने कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है सरकार भवन व भौतिक सुविधा जुटाती हैं, शिक्षक का चयन किया जाता है उसके बाद शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षण प्रक्रिया को अच्छे इंसान बनाने के दायित्व से जोड़ते हुए कहा कि शिक्षक एक कलाकार होता है शिक्षक की गोदी में प्रलय और सृजन पलता हैं शिक्षक अपनी गोद में विद्यार्थियों के भविष्य का निर्माण करता है । देश में नैतिक मूल्यों का निर्माण शिक्षक के माध्यम से ही होता है । रायगढ़ व सारंगढ़ जिला से आए हुए शिक्षक एवं

व्याख्याताओं को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि बच्चे बदमाश नहीं होते बल्कि उन्हें उनके अनुकूल ज्ञान नहीं मिल पाता इसलिए वे सीख नहीं पाते उनके सीखने के तरीके को समझना होना होगा । शिक्षक गंभीरता से सभी का उपकार करने हेतु अपना दायित्व निर्वहन करता है । प्रत्येक व्यक्ति में अंतर्निहित क्षमता को समाज के लिए प्रकटीकरण करना ही शिक्षक का कर्तव्य है। शिक्षा अधिकारी के साथ पहुंचे सहायक जिला परियोजना समन्वयक आलोक स्वर्णकार ने भी इस अवसर पर अपना उद्बोधन दिया उन्होंने कहा कि हम भले ही शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम ना दे पाए लेकिन 5% में संतुष्ट हो जाए यह भी उचित नहीं है हमें अपने स्तर को सुधारने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए इसी कड़ी में एक प्रक्रिया के तहत यह प्रशिक्षण आप लोगों के लिए चलाया जा रहा है । श्री स्वर्णकार ने रायगढ़ जिले के शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका एवं सक्रियता की सराहना करते हुए कहा कि आप लोगों की बदौलत ही हमें प्रदेश स्तर पर विशेष पहचान व सम्मान प्राप्त होता है ।
इन शिक्षकों ने दिया अलग-अलग विषयों पर अपना मार्गदर्शन उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के शिक्षक शिक्षिकाओं को व्याख्याता भोजराम पटेल श्रीमती अनुपमा नायक श्रीमती किरण मिश्रा बी.एल. गुप्ता जी.सी.साहू, विजय गुप्ता, हितेंद्र पटेल एवं शिक्षक रवि श्रीवास श्री विजय गुप्ता द्वारा अलग-अलग विषयों पर अपना मार्गदर्शन दिया गया वही जे.के. राठौर द्वारा बेसलाइन परीक्षा परिणाम प्रकार योजना एवं एंड लाइन परीक्षा के लिए आगामी तैयारी पर चर्चा की गई कार्यक्रम का प्रभावी संचालन व्याख्याता भोजराम पटेल द्वारा किया गया गया।
भोजन अवकाश के बाद प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में विषयवार चर्चा की गई जिसमें सामाजिक विज्ञान गणित जीवविज्ञान एवं विज्ञान विषयों के लिए तथा हिंदी अंग्रेजी भौतिक रसायन एवं कॉमर्स विषय के शिक्षक सामूहिक चर्चा के माध्यम से उपचारात्मक शिक्षण पर कार्य योजना तैयार कर उसे ब्लॉक स्तर पर क्रियान्वयन करने हेतु योजना तैयार की ।
उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम के अगले क्रम में फरवरी के प्रथम सप्ताह तक विकास खंडों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था की गई जिसके लिए सभी विकासखंड से आए शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण संदर्शिका प्रदान कर इसकी अवलोकन हेतु निर्देश दिया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला शिक्षा अधिकारी भी बाखला एवं एडीपीओ जेके राठौड़ एपीसी आलोक स्वर्णकार के कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में बीआरसी मनोज अग्रवाल सीएससी राजकमल पटेल विकास पटेल, प्रधान पाठक रविंद्र पटेल, खगेश्वर साहू सहायक शिक्षक सौरभ पटेल, ईश्वर पटेल, सुरज प्रकाश कश्यप की सक्रिय भागीदारी रही।

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