रायगढ़ :- छत्तीसगढ की प्रथम महिला सांसद मिनी माता का पूरा जीवन पीड़ित मानवता की सेवा के लिए समर्पित रहा। उनकी जयंती पर उनका पुण्य स्मरण करते हुए सूबे के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा मिनी माता सांसद के अलावा दलित एवं नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी संघर्ष करती रही। नारी उत्थान, किसान, मजदूर, छूआ-छूत निवारण कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा, निःशक्त व अनाथों के लिए आश्रम, महिला शिक्षा और जनहित के अनेक फैसलों और समाज हितैषी कार्यों में मिनी माता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मिनीमाता की राजनीतिक सक्रियता और समर्पण से पीड़ितों के अधिकार हेतु संसद में बहुत से कानून भी बने। श्री चौधरी ने कहा मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका रही। बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में उन्होंने सड़क से लेकर संसद तक अपनी आवाज बुलंद की। नारी शिक्षा के लिए मिनी माता के योगदान को विस्मृत नही किया जा सकता।
छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद के रूप में दलितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए मिनी माता को सदा याद किया जाएगा। अविभाजित मध्यप्रदेश मे बिलासपुर-दुर्ग-रायपुर आरक्षित सीट से लोकसभा की प्रथम महिला सांसद चुनी गईं। इसके बाद परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची।भिलाई में छत्तीसगढ़ कल्याण मज़दूर संगठन की संस्थापक अध्यक्षा मिनी माता के हृद्ध में सभी धर्मों के लिए समान आदर भाव रहा । वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मिनी माता के अदम्य साहस को प्रेरणा दाई बताते हुए कहा आम जनता के लिए उनका संघर्ष मय राजनीति के लिए भी प्रेरणा दाई रहेगा