रायगढ़ । जिले में औद्योगिकरण से रायगढ़ शहर एवं जिले की फिजा जहरीली हो रही है । बढ़ते प्रदूषण और धूमिल वातावरण से लोगो की जान खतरे में है । लेकिन फिर भी आंख में पट्टी लगाए हुए पर्यावरण विभाग उद्योगों की जनसुनवाई के लिए मंजूरी दे रही है । प्रदेश के मानचित्र में रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो रहा है लेकिन इन सब के साथ साथ विनाश भी कई गुना बढ़ रहा है बढ़ते उद्योग और उद्योग से निकला धुंआ , गंदा पानी और उद्योगों तक माल पहुचाने के लिए भारी वाहनों से सड़क की बर्बादी भी रायगढ़ के लोगो को विकास के नाम पर मिली है शहर एवं जिले वासियो को प्रदूषण से अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है । शहर के नजदीकी और रायगढ़ का सबसे बड़ा उद्योग जिंदल अब अपनी एक और उद्योग की विस्तार करने जा रही , जो कि भयंकर खतरनाक है पूर्व से ही जिले में अत्यधिक मात्रा में उद्योग है उसके बाद भी पर्यावरण जनसुनवाई के लिए मंजूरी दे रही है ।

जाने माने उद्योगपति के नेतत्व वाली कंपनी जिंदल पैंथर सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई आने वाले दिनों 29 दिसंबर को प्रातः 11 बजे कोसमपाली बस्ती पुराना रेलवे क्रासिंग के समीप मैदान में होनी है । इस प्लांट की स्थापना रायगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम कोसमपाली की जाएगा । इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 0.7 मिलियन टन प्रति वर्ष है । कंपनी इस क्षमता को बढ़ा कर 3 मिलियन टर्न सालाना करने की योजना बना रही है। इसके लिए एक नया प्लांट कोसमपाली में खुलने जा रहा है जिससे रायगढ़ में फैलने वाली प्रदूषण का दर काफी हद तक बढ़ जाएगा । नए प्लांट के स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने में कोई कठिनाई न आए इसके लिए जिंदल प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है प्लांट के आस पास क्षेत्र के ग्रामीणों में जनसमर्थन जुटाने की कोशिश में जुटी है ।
कंपनी के गोद गाँव का हाल बेहाल है ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने आस पास क्षेत्र के युवाओ को न तो रोजगार दिया और न ही विकास दिया है कोसमपाली गाँव की पहुच सड़क चलने के योग्य भी नही है।
ग्रामीणों में जिस तरह से विरोध है और जिस तरह से कंपनी के खिलाफ मुखर होकर सुनवाई में विरोध दर्ज कराएंगे । कंपनी के द्वारा गाँव को कोई भी बुनियादी सुविधाएं न तो मुहैया कराया जाता है । इस लिए गांव के लोग जनसुनवाई में अपना विरोध दर्ज कराएंगे । प्रभावित गाँव कोसमपाली , बरमूडा , सराईपाली , धनागार , जोरापाली , परसदा , पतरापाली , बघनपुर , गेजामुड़ा , खैरपुर , चिराईपानी , कलमी शामिल है इनके साथ इनके आश्रित गांव को मिला दिया जाए तो करीब दर्जन भर गांव प्रभावित है जो आगे चल कर और ज्यादा प्रदूषित होने वाले है। शहर के फिजाओ में जहर घुलने वाली प्रदूषण अब लेगी भयंकर और विकराल रूप लेकिन रायगढ़ के नागरिक इस तरह से शहर एवं जिले को प्रदूषित होने नही देंगे । घोर विरोध और आपत्ति जता कर यह प्लांट के विस्तार पर रोक लगाएंगे ऐसा शहरवासियों एवं ग्रामीणों का कहना है । अब देखने की बात यह है कि जिंदल प्लांट प्रबंधक अपने योजना में ग्रामीणों एवं लोगो का समर्थन पाने में यश पाते है या अपयश पाते है ।










