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बिलासपुर. 08 अगस्त
आज के इस पाश्चात्य संस्कृति के तरफ तेजी से बढ़ते हुए युग में एक ओर जहां बॉलीवुड की चमक दमक आजकल की युवा पीढ़ी पर अपनी छाप छोड़ रही है| वहीं एक ओर कुछ होनहार कला साधक इस सभ्यता से ईत्तर अपनी देश के पारंपरिक शास्त्रीय संगीत एवं कथक कला की साधना में एकलव्य की तरह जुड़े हुए हैं एवं इस साधना को अपने तन्मयता और समर्पण के साथ तराशने में जुटे हुए हैं…
इसी तारतम्य में बिलासपुर की श्री कला मंजरी कथक संस्थान की छात्राओं ने बेंगलुरु में जाकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया और सम्मान प्राप्त किया है... यह पूरे बिलासपुर शहर के ही नहीं वरन छत्तीसगढ़ के भी गौरव की बात है.... इस संस्थान के कत्थक गुरु नृत्याचार्य श्री रितेश शर्मा जी के मार्गदर्शन में तथा झंकार म्यूजिक एकेडमी के तत्वाधान में बेंगलुरु के शुक्रा ऑडिटोरियम में इस उत्सव का आयोजन किया गया था जिसमें दिनांक 7 अगस्त को बिलासपुर जबलपुर सहित बेंगलुरु के भी कथक कला साधकों ने अपनी प्रस्तुति दी जिसमें बिलासपुर के कई छात्रों को छात्राओं को पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुआ......
बिलासपुर से गए हुए छात्र जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व किया उनमें से प्रमुख रूप से काशवी कपूर,उर्वि आहूजा, वंशिका शर्मा,श्रेष्ठा वर्मा, मधु शर्मा, सिंपल रजक, पलक पांडेय, अपेक्षा तिवारी, वंशिका मिस्त्री, आद्विका तिवारी, आद्या मिस्त्री, अनावि चटर्जी, महक सोमानी, मंजरी, धानी, अदिति, नमामि, नमया, अंशिका, अरवी, अक्षया, शुभा सहित बड़ी संख्या में छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दी…
जहां विशेष अतिथि के रूप में कथक नृत्यांगना जयिता दत्ता ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण कर प्रोत्साहित किया।
निश्चित रूप से ये छात्र इस कला को अपनी मेहनत एवं लगन से अपनी प्रतिभाओं को तराशने में लगे हुए हैं और इन कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित भी किया जाना चाहिए जिससे कि आने वाले पीढ़ियों में भारतीय एवं शास्त्रीय गायन एवं नृत्य संगीत का रुझान बढ़े तथा तथा शास्त्रीय संगीत एक नए मुकाम पर पहुंच सके इस प्रयास को गति देने के लिए इन बच्चों का साधुवाद….










