सांस्कृतिक कला और साहित्य की धानी रायगढ़ अपने सभ्यता से सदैव संस्कारित रहती है,जिसको फलीभूत करते हुए रायगढ़ के कलमकारों ने काव्य वाटिका को अंकुरित करने के लिये ,साहित्य को सजीव और पल्लवित करने के लिए, आशा मेहर “किरण” की अध्यक्षता में कमला नेहरू उद्यान में एक अप्रतिम पहल के तहत शानदार आयोजन किया,जहां प्रत्येक माह एक साहित्यकार को सम्मानित किया जाएगा जहाँ उनकी एक रचना केनवास पर सुसज्जित होगी,इस कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन मुख्य अतिथि सम्मानीय महापौर जानकी काटजू जी के तथा विशिष्ट अतिथि बजरंग अग्रवाल ,मनमोहन सिंह ठाकुर,अरविंद सोनी “सार्थक” ,श्यामनारायण श्री वास्तव,मनोज श्रीवास्तव जी,अमृत काटजू के कर कमलों से किया गया।
आयोजन के प्रथम मास दिवंगत अंजनी कुमार “अंकुर” जी की कविता आनंद की तालाश में को स्थान दिया गया,जिनके सम्मान स्वरूप अंकुर जी की धर्मपत्नी राजकुमारी डनसेना ने स्वीकार किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री केशका साहू के सरस्वती वंदना से शुरू हुआ,अंकुर जी के जीवनी का वाचन गुलशन खम्हारी प्रद्युम्न, और प्रदीप कुमार ने किया। इस दौरान भव्यतम काव्यगोष्ठी हुई जिसमें रायगढ़ जिले के जाने माने साहित्यकार अमित दुबे,रुक्मणी सिंह ठाकुर,गीता उपाध्याय, अजय सन्नाट, धर्मेंद्र सिंह,धनेश्वरी देवांगन “धरा”,प्रियंका गुप्ता “प्रिया”,लीशा पटेल “दिव्य”,कृष्णा पटेल,गुलशन खम्हारी “प्रद्युम्न”,अनुराधा सिंह,भोगीलाल गुप्ता,केदार स्वर्णकार,ने अपने शब्द सुमन से काव्य वाटिका को सुरभित किया,जहाँ साहित्यकार कन्हैया गुप्ता ,सुशीला साहू “विद्या”,अरुणा साहू,सरोज साहू,साधना मिश्रा ,रजनी वैष्णव,रतन मिश्रा,पुरुषोत्तम गुप्ता, सुखदेव राठिया “बनगिहा” इंदु साहू, तिलक तिनौदी,हर्षलता, लेखराम ,क्षमा डनसेना,सोनल थवाईत,रेखा डनसेना,जी इस स्वर्णिम पल के कार्यक्रम में साक्षी रहे । कार्यक्रम का सफल संचालन अजय पटनायक “मयंक” ने किया। कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों को स्मृति चिन्ह और एक पौधा भेंट किया गया जिसे उद्यान में रोपित किया जाएगा तथा आशा मेहर जी ने आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का सुखद समापन कराया।
Must Read










