रायगढ़- जिले में लगातार बढ़ते उधोगों के परिणामस्वरूप यहां जमीन की कीमतों में भी लगातार भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।जिसे लेकर भूमाफियाओ की भी सक्रियता बढ़ी है।जिसमे आदिवासी भूमि की भी गैर आदिवासीयो द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदी बिक्री की गई।
पिछले चार सालों में बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन को गैर लोगों को बेचने की अनुमति प्रदान गई है।जिले में भू माफिया और दलालों द्वारा रायगढ़ शहर से लगे कई कीमती जमीनों को अनुमति लेकर करोड़ों रुपए का खेल खेला गया है।परंतु इस पूरी प्रक्रिया में नियम कानून को पूरी तरह दरकिनार किया गया।जिसकी अनदेखी भी जिला प्रशासन द्वारा करते हुए आदिवासियों को भूमि को गैर आदिवासियों को खरीदने अनुमति प्रदान की गई।वही अब इस मामले में विधायक प्रकाश नायक द्वारा प्रश्न पूछते हुए नियम विरुद्ध खरीदी बिक्री की गई आदिवासी भूमि की रजिस्ट्री शून्य करने की मांग रखी गई।
नियमो की अनदेखी,शेष भूमि के जांच की भी नही उठाई जहमत
नियम के अनुसार विशेष परिस्थिति में आदिवासी भू स्वामियों को जमीन बेचने की तभी अनुमति कलैक्टर द्वारा दी जाती है जब उस आदिवासी के पास जीवन यापन के लिए 5 एकड़ भूमि शेष हो, नियम का पालन नहीं किया गया है। हाई कोर्ट के दिशा निर्देश का भी पालन नहीं किया गया।जिसे लेकर इस मामले को विधायक प्रकाश नायक ने विधानसभा में उठाया है।और सदन का ध्यान आकर्षित किया है। राजस्व मंत्री का जवाब भी आया है।जिसमे बताया गया कि रायगढ़ विधानसभा में वर्ष 2019से2022 तक 101 आदिवासियों की 89.409हेक्टेयर भूमि को गैर आदिवासी क्रेताओ के पास विक्रय करने अनुमति प्रदान करने की जानकारी दी गई।साथ ही शासन द्वारा आबंटित भूमि से18पट्टाधारियो 13.039हेक्टेयर भूमि के विक्रय अनुमति प्रदान करने की जानकारी दी गई। ऐसे में रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के सत्र में सदन का ध्यान आकर्षित करते हुऐ ऐसे सभी रजिस्ट्री को शून्य करने की मांग की है और अधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग की है।