भाजपा जिला महामंत्री श्री अरूण धर दीवान ने भूपेश सरकार के बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भूपेश सरकार का यह बजट के भरोसे का नही बल्कि वादाखिलाफी का बजट है, इस बजट से साफ है की जनसरोकारो से कोई नाता नही है बल्कि बजट में चुनावी लुभावने वादे करके एक बार पुनः सभी वर्गों को भ्रमित करके धोखा देने का काम किया जा रहा है।
श्री अरुण धर दीवान के कहा छत्तीसगढ़ की जनता 5 सालों से देख रही है किस प्रकार छत्तीसगढ़ को कर्जे के जाल में उलझाया जा रहा है। 112000 करोड़ से भी बड़े बजटीय पिटारे में पचासी – नब्बे प्रतिशत कर्जे को बोझ है,प्रति व्यक्ति ऋण भार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है,लिए गए ऋण के ब्याज में ही लगभग 500 करोड़ पर खर्च किए जा रहे है। बजट में केंद्रीय करो से लगभग 50,000 करोड रुपए प्राप्ति अनुमानित होना इस बात का प्रमाण है केंद्र प्रवर्तित योजनाओं और केंद्रीय सहायता से ही राज्य की आर्थिक गतिविधियां पिछले 5 वर्षों में संचालित हो रही है, 3 सालों में बाजार से खुले बाजार से ऋण नहीं दिए जाने के बावजूद 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज छत्तीसगढ़ में सरकार के द्वारा लिए गए है, बावजूद इसके लोक कल्याण एवं विकासात्मक कार्य ठप्प पड़े हुए हैं।
श्री अरूण धर दीवान ने कहा भूपेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में युवाओं और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करने वाले वृद्धों ,विधवा, विकलांगो खुलेआम छल किया जा रहा है। एक तरफ सरकार का दावा है कि बेरोजगारी की दर शून्य से कम है दूसरी ओर लगभग 20 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं जिन्हें सरकार ने 5 वर्षों में बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया और अब चुनावी साल में भत्ता देने की बात कर रही है। बेरोजगारी भत्ता देने के लिए वार्षिक आय का क्राइटेरिया लागू करना सरकार की टालमटोल की मंशा को जाहिर करता है। गैर पंजीकृत बेरोजगारों का सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। खेतिहर मजदूर और भूमिहीन श्रमिक को बेरोजगारी भत्ते के लिए लक्षित भी नहीं किया गया है। वही सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने वाले वृद्धों ,विधवा, विकलांगो जनो को 1000 रूपये की जगह 500 रूपये का प्रावधान करने उन्हें भी ठगने का काम यह सरकार कर रही है ।
भाजपा जिला महामंत्री अरुण धर दीवान ने कहा है की नए जिलों का निर्माण,नियमित भर्ती, कार्मिकों की वेतन विसंगति, अनियमित और संविदा कर्मियों के नियमतिकरण,केंद्र के बराबर राज्य के कर्मियों को डीए देने की मांग के भरोसे को बजट में भूपेश सरकार ने ठेंगा दिखा दिया है। ओल्ड पेंशन के नाम पर राज्य दो लाख से ज्यादा शिक्षक एल बी परिवार एवम अन्य कर्मी प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन अहर्ता की आस लगाए हुए थे,लेकिन सरकार ने उनके बुढ़ापे के लाठी पर ध्यान देना उचित नहीं समझा। 2 साल के बकाया बोनस के बारे में और शराबबंदी के वादे पर सरकार ने मौन धारण कर लिया है। सरकार के बजट में राज्य की आय के स्रोतों में वृद्धि करने के लिए कोई योजना नहीं होना बजट के नाम पर की जा रही खानापूर्ति का प्रमाण है। जनता के भरोसे का बजट नारा देकर चुनावी विज्ञापनों का मसौदा बजट में पेश किया है जो पिछले चार सालों की तर्ज पर इस वर्ष भी विज्ञापन के होर्डिंग्स की शोभा बढ़ाने के अलावा कोई मायने नहीं रखती। भूपेश सरकार की चला चली की बेला में जनता के भरोसे को भूलावा देने वाला निराशाजनक बजट है।










