अब सुनील स्पंज के क्षमता विस्तार की कवायद हुई शुरू
रायगढ़ / औद्योगिक नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला रायगढ़ जिला धीरे-धीरे बढ़ती औद्योगिकरण की वजह से प्रदूषण नगरी के रूप में भी अपनी पहचान बनाते जा रहा है लगातार बढ़ते उद्योग और कटते जंगलों से वहां के पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंच रहा है इसके बावजूद वहां स्थापित उद्योगों को विस्तारीकरण को अनुमति दे दी जा रही है। रायगढ़ घरघोड़ा मार्ग में गिरवानी सरायपाली के पास स्थित मेमर्श सुशील स्पंज लिमिटेड के क्षमता विस्तार की जनसुनवाई 29 मार्च को बंजारी मंदिर के पास मैदान में रखी गई है। इस उद्योग से क्षेत्र के पहले ही खा से परेशान अब इसका विस्तार रूप लेने से क्षेत्र के आधे दर्जन गांव भयंकर प्रदूषण की चपेट में आ जाएंगे अगर वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो सराईपाली गिरवानी का यह मार्ग सबसे जर्जर और दूषित है। यहां हरे भरे पेड़ पौधों में कोयले के डस्ट की काली परत साफ तौर पर देखी जा सकती है। इसके बावजूद क्षेत्र में भारी उद्योग को बसाने और उसके विस्तारीकरण करने का शासन-प्रशासन अमादा नजर आ रहा है जिस से लगता है कि पूरे रायगढ़ जिले को काली के ढेर में बैठाने की तैयारी चल रही है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुशील स्पंज लिमिटेड में ईएसपी भी इस प्लांट में नहीं चलाई जाती। भारी प्रदूषण को लेकर कुछ समय पहले लोगों ने पर्यावरण विभाग और जिला प्रशासन से शिकायत भी कर चुके हैं। इसके बावजूद संबंधित विभाग के द्वारा कार्यवाही करना तो दूर की बात है यहां झांकना तक मुनासिब नहीं समझते जिससे इस प्लांट की मनमानी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है इस प्लांट को जिले का सबसे प्रदूषित प्लांट बताया जाता है अब इस कंपनी के विस्तार के बाद आने वाले समय में सरायपाली रायगढ़ में सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड के क्षमता विस्तार से, देलारी, लाखा, सरायपाली, तिलाईपाली, तराई माल, तुमिडीह, सामारूमा,
जैसे दर्जनभर गांव भारी प्रदूषण से तबाह और बर्बाद हो जाएंगे। बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
इनकम टैक्स का पड़ चुका है छापा
सुनील स्पंज लिमिटेड के डायरेक्टर राजेश कुमार तोला अशोक चौधरी, निशांत खेतान और प्रमोद कुमार तोला है। पिछले दिनों इनकम टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग ने कंपनी में छापा भी मारा था जिसमें अघोषित आय के अलावा फंड डायवर्ट को लेकर भी कई अहम दस्तावेज आयकर विभाग के हाथ लगे थे। कंपनी मालिकों की निजी संपत्ति और उनके सीए से भी पूछताछ की गई थी। कर चोरी संपत्ति इकट्ठा करने के बाद भी इस कंपनी ने प्रभावित गांव के लिए कुछ भी नहीं किया।










