सरकारी अमला को भी करना पड़ा 3 कि.मी.पगडंडियों से उबड़ खाबड़ रास्ते पर पैदल सफर
जशपुर.23फरवरी.(रमेश शर्मा)
बगीचा जनपद की उंची पहाडियों पर बसा पहुंच विहीन अंबाकोना गांव तक 3 कि.मी.पगडंडियों और उबड़ खाबड़ रास्ते से जब पैदल चलकर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल व जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव जा पहुंचे तो पूरा सरकारी अमला को भी यंहा पहुंचना पड़ गया.
दरअसल, जशपुर जिले के बगीचा जनपद में अंबाकोना ऐसा गांव है, जंहा वर्षों बाद आज भी सड़क, शिक्षा और पीने का पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का सर्वथा अभाव है.

यह विडंबना ही है कि इस अंबाकोना गांव में विकास की योजनाओं से दूर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त पहाड़ी कोरवा और नागेसिया समाज के लोग निवास करते है. ग्राम पंचायत सुलेसा का अंबाकोना गांव में आजादी के बाद पहली बार दो आईएएस अधिकारी ग्रामीणों का हाल जानने पहुंचे थे.
कलेक्टर डॉ.रवि मित्तल ने बताया कि उन्होंने जिला सीईओ के साथ इस दूरस्थ गांव पहुंच कर ग्रामीणों की दिनचर्या को काफी नजदीक से समझने का प्रयास किया. ग्रामीणों का शिक्षा में रूझान व अन्य जरूरतों को भी समझने का प्रयास किया गया.

यंहा पटवारी, सचिव को ही सबसे बड़ा अधिकारी मानने वाले इन ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला कि उनके गांव में जिले सबसे बड़े अधिकारी आऐ हैं तो सभी आवाक रह गए थे. कलेक्टर और सीईओ ने यंहा के ग्रामीणों शिक्षा, पानी के बाद उनके रोजगार धंधे पर भी विस्तृत चर्चा की.
इन ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया की हमारा गांव पहुंच विहीन है इसलिए इस गांव में बिजली,पानी, सड़क और शिक्षा जैसे मूलभूत सुविधा के लिए हमे जूझना पड़ता है.
ग्रामीणों की समस्या देख कलेक्टर रवि मित्तल ने तत्काल तीन किलोमीटर सड़क बनाने के निर्देश दिए साथ ही सड़क बनते ही गांव में पेयजल के लिए हैंडपंप खुदवाने और सौर पैनल बिजली लगवाने की भी बात कही.
गांव के घुमंतू छोटे छोटे बच्चो को आंगनबाड़ी जाने को कहा. कलेक्टर ने बताया की छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चो को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए दूरस्थ अंचलों में आश्रम छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराया गया है.इस दौरान जशपुर कलेक्टर के साथ जिला पंचायत सीईओ आईएएस जितेंद्र यादव और जनपद सीईओ विनोद सिंह के साथ आलाधिकारी मौजूद रहे.










