कार्यक्रम का आयोजन जिंदल आशा, जेपीएल तमनार में किया गया। जिसमें जिंदल आरोग्यम तमनार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. पुजारी और श्री राकेश शर्मा, प्राचार्य, ओपी जिंदल स्कूल, सावित्रीनगर तमनार एवं श्री ऋषिकेश शर्मा, विभागाध्यक्ष, सीएसआर जेपीएल तमनार की गरीमामय उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने आयोजित खेलकूद, चित्रकला और नृत्य प्रतियोगिता में शानदार प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया।

वहीं कार्यक्रम के दौरान इस वर्ष के थीम ’सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांगजन समावेशी समाज को बढ़ावा देना’ पर विस्तृत परिचर्चा करते हुए विभागाध्यक्ष श्री ऋषिकेश शर्मा ने कहा कि ’अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ पर आयोजित विविध खेलकूद, चित्रकला और नृत्य में प्रतियोगिता में बच्चों की सहभागिता निःसंदेह सराहनीय है। प्रतियोगिता का यह प्रारंभिक सत्र है। आने वाले वर्षों में इसे और भी बेहतरीन तरीके से आयोजित किये जायेंगे। उन्होनें कहा कि जिंदल आषा में वर्तमान में फिजियोथेरेपिस्ट और स्पीचथेरेपिष्ट की व्यवस्था है और आने वाले समय में संस्थान में संसाधन व्यक्ति और सुविधायें सुनिश्चित किये जायेगेें। प्राचार्य श्री राकेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ’अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ आज इन बच्चों का ही दिन है, आज इन्हें खुषियाॅ मनाने, अपने मन के उद्गारों को व्यक्त करने का दिन है। आइसे हम सभी इनके खुषियों में सहभागी बने और हर्षित और उत्साहित करें। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित सीएमओ डॉ.एस.के.पुजारी ने दिव्यांगजन विषेष बच्चों के लिए आयोजित सांस्कृतिक, साहित्यिक आयोजन को खुब सराहते हुए कहा इन बच्चों को इस प्रकार मंच देकर उनमें निहित प्रतिभा को निखारने के साथ उन्हें पुरूस्कृत करना भी है। इस अवसर पर उपस्थित परिजनों में धौराभाठ के षबाना परवीन ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जिंदल आषा की स्थापना से क्षेत्र के दिव्यांगों बच्चों को उम्मीद की नई किरण दिखी है। जिंदल आषा से जुड़ने के बाद हमारे बच्चों में काफी सुधार हुआ है और संस्थान से काफी उम्मीदें हैं।
ज्ञातव्य हो कि विश्व विकलांगता दिवस प्रति वर्ष 03 दिसंबर को मनाया जाता है ताकि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके, उनके मुद्दों के बारे में समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाई जा सके। इसका उद्देश्य राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में विकलांग व्यक्तियों के समावेश और सम्मान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।










