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Friday, December 5, 2025

रायगढ़ पुलिस ने अंतरराज्यीय ट्रेडिंग फ्रॉड गैंग का किया पर्दाफाश, 1.08 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड समेत चार आरोपी श्रीनगर से गिरफ्तार…यूट्यूब विज्ञापन से शुरू हुआ शेयर ट्रेडिंग का खेल, उद्योगकर्मी ने गंवाये करोड़ों रूपये

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गिरफ्त में आये अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग ने देशभर में 200 से ज्यादा साइबर फ्रॉड को दिये हैं अंजाम

पीड़ित की रकम रिकवरी प्रक्रिया शुरू

किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले जांच जरूरी, लुभावने विज्ञापनों में छिपा होता है धोखा — जागरूक रहें

रायगढ़, 24 नवंबर । पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल नेतृत्व में रायगढ़ पुलिस ने एक और बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा करते हुए अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी गैंग के चार सदस्यों को श्रीनगर के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफा दिखाकर देशभर में करोड़ों की धोखाधड़ी कर रहा था। 

रायगढ़ के उद्योगकर्मी से की गई थी 1.08 करोड़ की ठगी

जानकारी के अनुसार ढिमरापुर निवासी उद्योगकर्मी दंपत्ति ने यूट्यूब पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखकर एक लिंक पर संपर्क किया। खुद को *”यूके इंडिया चैनल”* से जुड़ा बताने वाले कॉलर ने उन्हें एक ऐप डाउनलोड कराकर निवेश शुरू कराया। 20 मई 2025 से 30 अगस्त 2025 के बीच दंपत्ति से 1,08,44,025 रुपये विभिन्न खातों में जमा करवाए गए। जुलाई में जब उन्होंने एकमुश्त 32 लाख जमा किए, तो ऐप में उनकी राशि को 42 करोड़ रुपये दिखाया गया। रकम निकालने कहा गया, तो 5 लाख रुपये ब्रोकरेज शुल्क मांगा गया, जिसे उन्होंने जमा भी कर दिया। इसके बाद कॉलर का संपर्क बंद हो गया। 7 सितंबर को पीड़ित की शिकायत पर *थाना कोतवाली रायगढ़ में अपराध क्रमांक 460/2025 धारा 318 (4) बीएनएस* दर्ज किया गया।

देशभर से 200 से अधिक शिकायतें

पुलिस जांच में गिरोह द्वारा उपयोग किए गए बैंक खातों की जांच में सामने आया कि इनके खिलाफ देश के कई राज्यों में लगभग 200 शिकायतें दर्ज हैं तथा 10 करोड़ से अधिक का अवैध लेनदेन पाया गया है।

श्रीनगर में दबिश, मुख्य आरोपी पकड़ाए

एसपी श्री दिव्यांग पटेल ने साइबर फ्रॉड के इस गंभीर मामले की केस की स्वयं मॉनिटिरिंग करते हुए सीएसपी श्री मयंक मिश्रा एवं साइबर सेल डीएसपी श्री अनिल विश्वकर्मा के नेतृत्व में जांच आगे बढ़ाया गया । साइबर सेल और कोतवाली पुलिस द्वारा ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों से लिंक मोबाइल नंबरों का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया गया । इसमें पता चला कि पीड़ित के 32.50 लाख रुपये श्रीनगर निवासी यासीर शॉफी चारलू के खाते में गए थे। रायगढ़ पुलिस की विशेष टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर यासीर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने रकम मेहराज असाई को ट्रांसफर की और कैश भी दिया। इसके बाद पुलिस ने मेहराज असाई को भी गिरफ्तार किया।

मेहराज से पूछताछ में उसके बेटे अर्शलान और आरोपी साकीब फारूखदार की अपराध में संलिप्तता की पुष्टि हुई जिन्हें भी पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

कई धाराओं में मामला दर्ज

गिरोह के अंतरराज्यीय संगठित साइबर फ्रॉड की पुष्टि होने पर प्रकरण में धारा 111, 3(5) बीएनएस एवं 66(D) आईटी एक्ट जोड़ा गया है। पुलिस ने आरोपियों से चार मोबाइल फोन जप्त किए हैं।

राशि वापस दिलाने की प्रक्रिया जारी

जांच में यह प्रमाणित हुआ कि पीड़ित के पूरे 1.08 करोड़ रुपये इन्हीं गिरोह के खातों में जमा किए गए थे। पुलिस द्वारा राशि रिकवरी की प्रक्रिया जारी है।

गिरफ्तार आरोपी :-

01. यासीर शॉफी चारलू पिता मोहम्मद शॉफी चारलू उम्र 23 साल निवासी नाईच कदल रंजर मस्जिद श्रीनगर थाना जनाकदम जिला श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)

02. साकीब फारूखदार पिता फारूख अहमददार उम्र 24 साल साकिन बटमालू फिरोदासबाद थाना बटमालू जिला श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)

03. मेहराजउद्दीन असाई पिता गुलामरसुल उम्र 57 साल साकिन सुतरासाई करमनगर श्रीनगर थाना शहीदगंज जिला श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)

04. अर्शलन अफॉक पिता मेहराजउद्दीन असाई उम्र 21 साल साकिन सुतरासाई करमनगर श्रीनगर थाना शहीदगंज जिला श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)

विशेष टीम को सफलता

पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी श्री आकाश मरकाम के मार्गदर्शन पर इस जटिल साइबर फ्रॉड को सुलझाने में सीएसपी श्री मयंक मिश्रा एवं साइबर सेल डीएसपी श्री अनिल विश्वकर्मा का पर्यवेक्षण और टीम को मार्गदर्शन करना था । इस पूरी कार्यवाही में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक सुखनंदन पटेल, उप निरीक्षक ऐनु देवांगन तथा गठित विशेष टीम में शामिल निरीक्षक नासिर खान, सहायक उप निरीक्षक कोसो सिंह, प्रधान आरक्षक हेमंत चन्द्रा और साइबर सेल के आरक्षक प्रशांत पंडा, महेश पंडा, रविन्द्र गुप्ता, विकास प्रधान, प्रताप बेहरा, विरेन्द्र कंवर, डोमन सिदार के साथ साइबर सेल प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, रेणु मंडावी, आरक्षक धनंजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, नवीन शुक्ला, सुरेश सिदार, विक्रम सिंह और मेनका चौहान शामिल थी एवं श्रीनगर साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रियाज़ अहमद, एएसआई रियाज़ अहमद,एस.जी. सीटी रविन्द्र सिंह का विशेष योगदान रहा।

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