स्मार्ट मिटर के आढ मे कमीशन का खेल ? आम जन हैरान परेशान सरकार बेपरवाह…संजय देवांगन
भाजपा सरकार आये दिन अपने नये नये उलजुलुल कारनामो से जनहित के नाम पर जन जन को परेशान करने मे कोई कोर कसर नही छोड रही ये सरकार, यह उल्लेखनीय है , गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश के तर्ज पर छत्तीसगढ़ मे भी CSPDCL जो कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ठेका पद्धति से बिजली विभाग के केवल वसुली का काम देखता है ।
इन दिनो घर घर जाकर स्मार्ट मिटर लगाने का काम कर रहा है जो कि निहायत ही बचकाना कृत है वो इस लिए कि यह मिटर प्रिपेड पद्धति पर काम करता है यानि जितना का रिचार्ज उतना बिजली हि प्राप्त कर सकता है उपभोक्ता परंतु छत्तीसगढ़ की साय सरकार ये भुल गई है बिजली , पानी , सडक ये मुलभुत सुविधा है जिसका अधिकार संविधान देता है भारत के हर नागरिक को, छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन मे सरप्लस है जो अपने प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों मे बिजली बेचकर आय अर्जित कर रहा हैं, उसके बावजूद बिजली यहा मंहगा है । जबकि उत्तर प्रदेश मे पिछले पांच वर्ष मे एक रूपया भी बिजली का दर मे कोई बढ़ोत्तरी नही किया गया है वहा भी तो बीजेपी कि सरकार है ??
जबकि छत्तीसगढ़ मे बिजली का आंख मिचौली किसी से नही छिपा है, गांव कि बात तो दुर शहर मे ही चौबीस घंटे बिजली कब चली जाये और कब आयेगी ये किसी को पता नही ।
ऐसे हालात मे स्मार्ट मिटर का कांसेप्ट लोगो के गले नही उतर रहा है । उपर से विभाग कि दादागिरी किसी से नही छिपी है छत्तीसगढ़ मे स्मार्ट मिटर लगाने का ठेका चार बडी कम्पनी को दिया गया है उनके कर्मचारी लोगों के घर घुसकर रौब से पुराना मिटर हटा कर स्मार्ट मिटर लगा कर चले जा रहे है । न ही उसका डेमो दिया जा रहा है न ही जनता को समझाया जा रहा है कि मोबाइल एप से कैसे उसको युज किया जाये। कम पढे लिखे लोग हैरान और परेशान है । सरकार कि इस तुगलकी फरमान से क्या सरकार स्मार्ट मिटर के फायदे गिनाने के लिए कोई भी कार्यक्रम चलाई है क्या लोगो को विसवास मे लिया गया है ??? नही ऐसा कुछ भी नही हुआ है । बिहार
मे स्मार्ट मिटर का जम कर विरोध हो रहा है, क्या छत्तीसगढ़ सरकार भी यही चाहती है कि यहां के लोग इसके खिलाफ सडको पर उतरे ??? और सरकार को अपना फैसला वापस लेना पडे ।
आये दिन बिजली बिल को लेकर कुछ न कुछ सुनने को मिल रहा है अचानक से लोगो के बिल मे बढ़ोत्तरी कही कोई बडी बात साजिश तो नही है न कि इसी बहाने लोगो को स्मार्ट मिटर लगाने का सुझाव दे कर अपना उल्लु सीधा करना चाहती है सरकार।
सैकड़ों मिटर रिडर जो बेरोजगार हो जायेंगे क्या सोचा है सरकार ने स्मार्ट मिटर लगने के बाद ??? इन सब का जवाब देना होगा छत्तीसगढ़ सरकार को अन्यथा इस चुनावी वर्ष मे जनता इस बेलगाम सरकार को सबक सीखा कर रहेगी ।