spot_img
spot_img
IMG-20251028-WA0027
IMG-20251028-WA0035
IMG-20251028-WA0033
IMG-20251028-WA0029
IMG-20251028-WA0034
IMG-20251028-WA0038
Friday, December 5, 2025

हरेली तिहार के अवसर पर आज बनोरा व सूपा गौठान से होगी जिले में गौ-मूत्र खरीदी की शुरूआत

IMG-20251028-WA0037
IMG-20251028-WA0044
IMG-20251028-WA0043
IMG-20251028-WA0036
IMG-20251028-WA0039
IMG-20251028-WA0041
Must Read


राज्य में पशुपालकों की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक और पहल
रायगढ़, / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य के गौठानों में 28 जुलाई हरेली तिहार से गौ-मूत्र की खरीदी की शुरूआत होगी। प्रथम चरण में रायगढ़ जिले में गौ-मूत्र खरीदी के लिए विकासखण्ड रायगढ़ के बनोरा एवं विकासखण्ड पुसौर के सुपा गौठान का चयन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में गौ-मूत्र क्रय के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है। क्रय गौ-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
जिले के गौठानों में 28 जुलाई को हरेली त्यौहार मनाया जाएगा। इस मौके पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।
उप संचालक पशुपालन पाण्डेय ने बताया कि गौ-मूत्र खरीदी के लिए समूह का चयन कर गौ-मूत्र खरीदी व टेस्टिंग संबंधी सभी प्रकार की ट्रेनिंग दी गई है। जिससे समूह को गौ-मूत्र खरीदी में परेशानी न हो। पशुपालन विभाग द्वारा गौ-मूत्र टेस्ट के लिए पीएच मीटर तथा यूरिनो मीटर प्रदाय किया गया है। इन दोनों चयनित गौठानों में 400 से अधिक पशुओं की संख्या है। लिहाजा इसका लाभ समूह के साथ पशुपालकों को मिलेगा। हार्टीकल्चर विभाग द्वारा गौ-मूत्र के उत्पादों के निर्माण के लिए नीम, करंज, सीताफल जैसे आवश्यक पौधारोपण किया गया है। जिससे गौ-मूत्र उत्पाद का निर्माण किया जा सके। गौ-मूत्र से कीटनाशक और जीवामृत का निर्माण किया जाएगा। इसमें कीटनाशक नाम के अनुरूप कीट नष्ट करने व जीवामृत का उपयोग फसल के ग्रोथ बढ़ाने के लिए किया जायेगा।
गौरतलब है कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है। इससे पशुपालकों को गौ-मूत्र बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त आय होगी, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा। जीवामृत और गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी। खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
Latest News

अग्निवीर चयन परीक्षा में तमनार के श्रीजेश की सफलता; अदाणी फाउंडेशन की पहल से सपनों को मिला पंख

रायगढ़, 5 दिसम्बर 2025: /देश सेवा का सपना देखने वाले तमनार ब्लॉक के श्रीजेश डोलेसरा ने भारतीय सेना के...

More Articles Like This

error: Content is protected !!