रायगढ़ / रायगढ़ शहर सरकार में जहां सत्ता पक्ष में कांग्रेस विराजमान है तो वहीं हर साल मकर संक्रांति पर केलो महाआरती का आयोजन होता है लेकिन इस वर्ष रायगढ़ जिले में राष्ट्रीय स्तर का रामायण महोत्सव होने जा रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिरकत करेंगे तथा उन्होंने केलो महाआरती करने की बात कही है। जिस पर जिला प्रशासन ने इस आयोजन की बागडोर केलो उद्धार समिति को दे दिया है जिसमें साफ-सफाई से लेकर रंग रोगन की सारी व्यवस्थाएं को करें। जो महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हजारों की तादाद में महाआरती में लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे केवल रायगढ़ से ही नहीं बल्कि दूसरे जिले से भी इस ऐतिहासिक महाआरती को देखने आएंगे।
विदित हो कि महाआरती तो किया जा रहा है लेकिन केलो नदी केवल केलो घाट पर ही आपको साफ सफाई दिखाई देगी, रंगाई पुताई का कार्य वही तक ही सीमित है। वहीं दूसरी ओर पूरी नदी, गंदी और बदबूदार इतनी गंदी दुर्गंध आती है गंदे मलबे से लबालब है दिखावे की महाआरती की जा रही है।
केलो नदी की साफ-सफाई को लेकर कई नेताओं के टीम बनाई गई है जो सिर्फ सोशल मीडिया पर या कागजों पर ही आपको उपलब्ध होंगे धरातल पर तो यह दिखाई ही नहीं देते। कुछ माह पहले ही केलो नदी की नगर निगम द्वारा सफाई अभियान चलाया गया था । जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी तथा कई नेतागण भी और समाजसेवी द्वारा सफाई अभियान का एक ढकोसला किया गया था जो कुछ ही दिन चलने के बाद ठंडे बस्ते में चला गया।
महाआरती पर ही क्या होगी साफ सफाई ?
हर साल क्या एक ही बार केलो नदी की सफाई होगी। जो रायगढ़ शहर की लाइफलाइन मानी जाती है। जिसे सत्ता पक्ष के नेता मुख्यमंत्री की आवभगत के लिए ही यह सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
केलो नदी का अस्तित्व ही नहीं…
रायगढ़ शहर की जीवनदायिनी केलो नदी जो अपना अस्तित्व आज खो चुकी है शहर भर के गंदे पानी तथा उद्योगों से निकलने वाले जहरीले दूषित पानी जो केलो नदी में जाकर मिल रही है उसे और जहरीला बना रही है। केंद्र सरकार की योजना से बने हुए एसटीपी जो करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुई है जिसमें बड़े बड़े उद्योगों और शहर से निकले वाले गंदे पानी, को साफ कर दोबारा उसे नदी में बहाया जाना है उसके बाद भी नदी जस की तस दुर्गंध से भरी हुई है।
चमचमाती केवल केलो घाट
लगातार सफाई कर्मचारियों के द्वारा सफाई का कार्य तेज गति से हो रहा है।
जयंत ठेठवार,केलो उद्धार समिति अध्यक्ष










