कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा, सुश्री याशी जैन को बनाएंगे जिले की स्वीप आइकन
याशी जैन ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर लहराया तिरंगा
26 घंटे के भीतर विश्व की दो सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की पूरी
रायगढ़, / रायगढ़ की पर्वतारोही याशी जैन माउंट एवरेस्ट फतह के बाद आज कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा से मिलने पहुंची। कलेक्टर श्री सिन्हा ने याशी जैन को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पूरे जिला प्रशासन की ओर से बधाई दी। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत श्री अबिनाश मिश्रा भी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि याशी जैन ने पूरे जिले का मान बढ़ाया है। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कठिनतम मानी जाती है। लेकिन याशी ने माउंट एवरेस्ट के साथ 26 घंटे के भीतर विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट लोहत्से पर भी तिरंगा लहराया। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस मौके पर उन्होंने याशी जैन की माता श्रीमती अलका जैन और पिता श्री अखिलेश जैन को भी उनकी बिटिया की सफलता के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं। कलेक्टर श्री सिन्हा ने इस दौरान कहा कि याशी जैन को मतदाता जागरूकता के लिए जिले में चल रहे कार्यक्रम के लिए स्वीप आइकन बनाया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। इस मौके पर नव पदस्थ सहायक कलेक्टर श्री युवराज मरमट, एसडीएम रायगढ़ श्री गगन शर्मा भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि रायगढ़ की पर्वतारोही याशी जैन ने 17 मई सुबह 6 बजे विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी करने के 26 घंटे बाद ही उन्होंने विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट लोहत्से (8516 मीटर) पर भी चढ़ाई 18 मई को सुबह 8 बजे पूरी कर ली। अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए उनके पिता श्री अखिलेश जैन ने बताया कि याशी का यह अभियान 5 अप्रैल से शुरू हुआ। 12 मई शुक्रवार को रात 10.30 बजे याशी ने एवरेस्ट बेस कैम्प से चढ़ाई प्रारंभ की थी। इसके पहले 40 दिनों तक पहाड़ की ऊंचाइयों को नापने के जोखिम का पूर्वाभ्यास उन्होंने पूरी टीम के साथ समुद्र तल से करीब 5364 मीटर ऊंचाई पर बने बेस कैम्प में किया। याशी जैन इसके पहले अलग अलग महाद्वीपों में विश्व की कई चोटियों की सफलता पूर्वक चढ़ाई पूरी की है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का यह उनका दूसरा प्रयास था। इसके पहले भी 2021 में उन्होंने चढ़ाई शुरू की थी, परंतु मौसम अनुकूल नहीं होने पर उन्हें चढ़ाई रोकनी पड़ी थी। इस बार के अभियान में उन्हें दोहरी सफलता मिली है।
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