रायगढ़ । जिले के सराईपाली में सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड की 29.700 एमटी से 2 लाख 11 हजार मीट्रिक टन का क्षमता विस्तार के लिए जन सुनवाई होने जा रहा है। वर्तमान में इस प्लांट की क्षमता 29.7 एमटी है। इतने में फैक्ट्री के काला धुंआ आसपास को हलाकान करने वाला है। यहां न दिन देखा जा रहा है और न ही रात पूरे समय चिमनी से काला धूंवा उगल रहा है। इससे क्षेत्र काला डस्ट और काले वायु प्रदूषण जन मानस सहित पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचा रही है। एनजीटी के एक आदेश के अनुसार क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण से बाहर है और नए उद्योग और पुराने का विस्तार नहीं होना चाहिए बावजूद इसके सुनील स्पंज को लगभग 70 हजार गुणा अधिक विस्तार की अनुमति इससे जाहिर है नचरानी अपने दम पर सबको नचा रहा और प्रशासन कठपुतली की तरह नाच रही है।
सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड की वृहद स्पंज प्लांट के विस्तार हो जाने से आस पास के गांव का क्या हाल होगा यह सोच कर ही आसपास के ग्रामीण सिहर उठ रहे हैं। खास बात ये है की इस प्लांट की स्थापना 29 एमटी प्रतिवर्ष थी जो अब 2 लाख एमटी से अधिक के लिए जन सुनवाई होने वाली है। जानकारों की मानें तो इतने बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए अनुमति देने से पहले प्रशासन के द्वारा कम से कम पर्यावरण और औद्योगिक प्रदूषण को लेकर एक सर्वे तो कराया जाना चाहिए थे। ऐसी दफ्तर में बैठ कर लगभग 70 हजार गुना अधिक के उत्पादन की अनुमति दे दिया गया है। अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहां 29.700 एमटी और कहां 2,11,200 एमटी ऐसे में क्षेत्र में वायु प्रदूषण कितना बढ़ जायेगा इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
एनजीटी के अनुसार नहीं होना चाहिए विस्तार..
नियमानुसार क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण को देखते हुए और उद्योगों का विस्तार नहीं होना चाहिए था। जब हमे पता चला की कंपनी 29 एमटी से 2 लाख 11 एमटी के लिए विस्तार किया जाना है तो हम हैरान हो गए। कंपनी के चिमनी को देखेंगे तो चौबीसों घंटे काला धूंवा निकलता रहता है ESP मशीन पता नहीं लगा भी है या नहीं। पर्यावरण विभाग का कोई नकेल इन कंपनियों पर नहीं है।
फैक्ट्री के काले धुंए से सब कुछ हो रहा बर्बाद..
सुनील स्पंज में अभी 29 एमटी स्पंज का उत्पादन होता है अब इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए जन सुनवाई किया जाना है। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता हजारों गुना अधिक बढ़ जायेगा। अभी क्षेत्र काला डस्ट गुबार से खेती किसानी तलाब पूरी तरह चौपट हो रहा है लेकिन मूलभूत समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।










