रायगढ़ / देवकी रामधारी फाउंडेशन जो आज जिले में ही नहीं पूरे देश में ख्याति प्राप्त कर चुकी है जिसके चेयरमैन दीपक डोरा आज अपने 47 वा जन्मदिन पावन अवसर पर समीक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा तथा आज देवकी रामधारी फाउंडेशन नेत्रदान एक महादान, के नेतृत्व में 47 लोगों के द्वारा नेत्रदान का संकल्प लिया जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में लोग बढ़-चढ़कर इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देंगे। इस संस्था की शुरुआत 2016 में हुई थी उनकी माता श्री देवकी देवी की इच्छा अनुसार उनके दोनों नेत्रों को दान किया गया था उसी के अनुरूप यह नेक कार्य को दीपक डोरा और उनकी पत्नी श्रीमती लता दीपक डोरा ने इसकी शुरुआत की जो आज ऊंचाइयों के शिखर पर विराजमान है। देवकी रामधारी फाउंडेशन नेत्रदान में अभी तक लगभग 4900 हजार लोगों ने नेत्रदान का संकल्प लिया है जो विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुका है। इस संस्था के पुनीत कार्य को लोगों द्वारा भी खूब सराहना की जाती है सभी का भरपूर सहयोग इस संस्था को मिलता है। नेत्रदान महादान के रूप में लोग इसे जानते तो हैं लेकिन यह नेत्रदान किसी दूसरों के आंखों को रोशनी और नई उम्मीद की किरण उनकी जिंदगी में लाता है। जिससे इस खूबसूरत संसार को देख सकते हैं जो यह हकीकत समाजसेवी दीपक डोरा अपनी अथक प्रयास से कर दिखाया है। कुछ इन दिनों पहले सुश्री राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रामधारी देवकी फाउंडेशन की सराहना की थी और इसे पूरे देश में चर्चित कार्य बताया था।
जिन्होंने बताया है कि अगर सोच अच्छी हो तो लक्ष्य आपको जरूर मिलता है। देवकी रामधारी फाउंडेशन को देखकर और भी कई स्वयंसेवी संस्थाएं उनसे जुड़ेंगे और कई लोगों को प्रेरणा भी मिलेगा और नेत्रदान के लिए आगे आएंगे।
दीपक डोरा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है आज उन्हें कौन नहीं जानता। हमेशा ही समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाह, एक सफल व्यापारी के साथ-साथ नेक दिल इंसान तो है ही समाजसेवी कार्यों में अपना योगदान हमेशा उन्होंने दिया है। चाहे वह अग्र समाज हो या सर्व समाज सभी के लिए दीपक डोरा एक ही दृष्टिकोण से देखते हैं। 47 जन्मदिन पर अपनी समीक्षा दिवस के रूप में एक नई पहल और नई सोच की आवाज की है दीपक डोरा ने जो एक अग्रणी सोच है।










