रायगढ़ । कला और संस्कृति की नगरी, रायगढ़ की राष्ट्रीय पहचान का प्रमुख आधार चक्रधर समारोह को सुनियोजित ढंग से समाप्त करने का षड्यंत्र भाजपा ने शासन प्रशासन पर लगाया था । मालूम हो कि विगत तीन सालों से चक्रधर समारोह नहीं मनाया जा रहा है । 2020 और 2021 में तो कोविड महामारी की वजह से चक्रधर समारोह का आयोजन नहीं कराया गया। पर 2022 में बेमानी कारणों से इस स्थगित रखा गया और इस बार रायगढ़ राजपरिवार के कुंवर भानुप्रताप की मृत्यु के पश्चात उनकी पुत्रियों द्वारा चक्रधर समारोह को स्थगित करने हेतु लिखे गए पत्र को आधार बनाकर चक्रधर समारोह के स्थगन की भूमिका तैयार की जा रही थी । पर 1985 से अनवरत रूप से आयोजित किया जा रहा चक्रधर समारोह कोविड के दौर के अलावा कभी भी स्थगित नही हुआ था । यहां तक कि इस बार स्थगन के लिए राजपरिवार के सदस्य के स्वर्गवास को जो आधार बनाया जा रहा है , वह आधार भी अतीत में कभी कारण नहीं बन पाया । आपको बता दें कि विगत 35 सालों में रायगढ़ राजपरिवार के कई सदस्यों का स्वर्गवास हो चुका है , फिर भी चक्रधर समारोह बिना किसी व्यवधान के अनवरत जारी रहा और रायगढ़ ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान और प्रतिष्ठा को रेखांकित किया । भाजपा के जिला मंत्री ने ऐसे प्रतिष्ठित आयोजन को बंद करने की कोशिश के पीछे कांग्रेस की साजिश बताया और कहा कि इसके लिए रायगढ़ की जनता रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक को कभी माफ नहीं करेगी। भाजपा के इस हमले से विधायक प्रकाश नायक और प्रशासन बैकफूट पर आ गए और महज तीन दिनों के अंदर चक्रधर समारोह आयोजन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई । समिति और शहर के गणमान्य नागरिकों के सलाह के आधार पर यह फैसला हुआ कि इस बार चक्रधर समारोह 10 दिन के बजाय 3 दिनों तक आयोजित किया जायेगा और आयोजन स्थल भी रामलीला मैदान के स्थान पर नगर निगम का आडिटोरियम होगा।