रायगढ़ / पिछले 1 महीने से शहर में मीना बाजार सावित्री नगर में नहीं लगने को लेकर काफी गहमागहमी की स्थिति निर्मित हो गई है।
इस बार दर्जनभर से ज्यादा सत्तापक्ष के ही पार्षदों ने मीना बाजार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तो वही मोहल्ले वासियों की एकजुटता भी दिखाई दे रही है क्योंकि छोटी और सकरी गलियां है जो बाजीराव पारा को पार करके सावित्री नगर को जाना पड़ता है मंदिर मेला के समय लगभग 1 महीने भारी भीड़ होती है चौबीसों घंटे लोगों का आना जाना लगा रहता है जिससे रहवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मोहल्लेवासी हर साल मीना बाजार को नहीं लगाने की जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज कराते हैं। लेकिन उनकी बातों को हर वर्ष दरकिनार करते हुए जिला प्रशासन मीना बाजार लगाने की अनुमति दे देता है।

जमीन के नाम पर जिला प्रशासन को किया गुमराह…
तहसीलदार ने जब पूरी जमीन का निरीक्षण किया तो पता चला कि भूमि स्वामी ने 1 एकड़ 83 डिसमिल का ही एग्रीमेंट कराया गया है। जबकि उसकी और भी निजी जमीन है। जिला प्रशासन को गुमराह कर 20 एकड़ की बात कहीं गई जो पूरी तरह झूठ है।
तहसीलदार ने किया कल मौका मुआयना…

बीते मंगलवार को तहसीलदार लोमेश मिरी ने अपनी प्रशासनिक टीम के साथ मीना बाजार स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने शिकायतकर्ता और मीना बाजार के संचालक दोनों की बातों को सुना और जांच प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम को सौंपने की बात कही।
यातायात की भी काफी समस्या है
हर 8 दिन में रेलवे का रैक लगता है जिससे सैकड़ों की तादाद में बड़ी गाड़ियां सावित्री नगर में आती है अगर इसी बीच जन्माष्टमी उत्सव पर लोगों का आना-जाना रहे और किसी प्रकार की बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो इसका जवाबदेही कौन देगा, ट्रैफिक डीएसपी ने भी इस बात को माना कि मीना बाजार के लिए स्थल उचित नहीं है काफी घना बस्ती है यहां यातायात बाधित होगा।
आज इसी कड़ी में भारी विरोध के बीच शिकायतकर्ताओं ने बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है। वही अब हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार रहेगा।










