किसी भी समाज में संस्कृति सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए विभिन्न परंपराओं को आत्मसात करने की परंपरा रही है जिसके लिए विविध धार्मिक अनुष्ठान हवन आदि कराए जाते रहे हैं ।
कोयलांचल के अंतर्गत ग्राम माझापारा में चैतन्य महाप्रभु की असीम अनुकंपा से भव्य संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा नाम यज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमें विशाल श्रोता एवं श्रीमद्भागवत भक्तों की उपस्थिति इसकी सफलता का परिचायक है ।

नन्हे बच्चों से लेकर युवा बुजुर्ग व महिलाएं भी अपनी निस्वार्थ सहभागिता से इस पुनीत अनुष्ठान को एक सुखद परिणाम तक पहुंचा रहे हैं | इस आयोजन में श्री कृष्ण व राधा के नामोच्चार से भिन्न भिन्न भजनों का रसास्वादन अनवरत गतिमान है|
इस कार्यक्रम मे सभी ग्राम वासियों की सहभागिता अद्वितीय रही है| समस्त ग्रामवासियों ने समस्त श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में कथा का आनंद लेवें व पुण्य का भागीदारी बनें,कथा का आयोजन 22 मार्च से विशाल कलश कथा का आरंभ प्रारंभ हुआ व 30 मार्च को पूर्णाहूति तुलसी वर्षा, भंडारे के साथ समापन


















