रायगढ़ / रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक में कार्यरत एनटीपीसी लारा ऊर्जा के मामले में एक और नई छलांग लगाने जा रहा है जल्द ही इस प्लांट की क्षमता 16 सौ मेगावाट से बढ़कर 32 मेगावाट उत्पादन की हो जाएगी और इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर एनटीपीसी वर्तमान में 800 से यूनिट से 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है जिस से बढ़कर 8 सौ मेगावाट की दो और यूनिट शुरू करके 32 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाला देश का तीसरा संयंत्र बन जाएगा।
इतना ही नहीं, पर्यावरण दृष्टि को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग करते हुए आस-पास के गांव में सीएसआर व अन्य समाज सेवा का कार्य करते हुए फ्लाई एस प्रबंधन में भी विशेष ध्यान दे रहा है।
एनटीपीसी लारा के कार्यपालिका निर्देशक दिवाकर कौशिक ने आज पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि लारा एनटीपीसी बहुत ही जल्द अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर देश में सस्ती बिजली देने वाला प्लांट बन जाएगा। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में 1600 मेगा वाट उत्पादन करने वाला संयंत्र आने वाले समय में और 1600 मेगा वाट उत्पादन क्षमता बढ़ने वाला है। और इसके लिए कोयले की सप्लाई भी तेजी से बढ़ा दी गई है। इतना ही नहीं एनटीपीसी की तिलाईपाली माइंस से प्रतिदिन कोयला 10 टन सप्लाई हो रहा है और अब अन्य माध्यमों से भी कोयले की सप्लाई बढ़ाने के लिए मंजूरी ली जा रही है उन्होंने बताया कि एनटीपीसी अपने उत्पादन करने वाली बिजली से 50% छत्तीसगढ़ व बाकी बची बिजली महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों को सप्लाई कर रहा है। और इसकी क्षमता बढ़ाने के बाद अन्य प्रदेशों में भी बिजली की सप्लाई बेरोकटोक हो सकेगी। एनटीपीसी लारा के आसपास के 1 दर्जन से भी अधिक गांव में समाज सेवा के कार्यों के अलावा पंचायतों के माध्यम से कई विकास कार्य भी कराए जा रहे हैं। जिसमें स्कूल भवन, पानी टंकी, खेलों के विकास के अलावा इलाज के लिए अस्पताल में बेहतर सुविधा की पहल लगातार जारी है। साथ ही पुसौर ब्लाक एक दर्जन से भी अधिक गांव के अलावा उड़ीसा के भी 8 गांव भी इसमें शामिल किया गया है। इसकी जानकारी देते हुए एनटीपीसी लारा के सहायक प्रबंधक एचआर के कन्हैया दास ने कहा कि विकास संबंधी कार्यों को भी प्रबंधन क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क करते हुए काम कर रहा है।
बहरहाल एनटीपीसी लारा बीते 5 सालों में बिजली उत्पादन के मामले में तेजी से उभर रहा है। और कोयला आधारित इस बिजली संयंत्र के उत्पादन क्षमता बढ़ाने लगातार बढ़ा रहा है।