spot_img
spot_img
IMG-20251028-WA0027
IMG-20251028-WA0035
IMG-20251028-WA0033
IMG-20251028-WA0029
IMG-20251028-WA0034
IMG-20251028-WA0038
Sunday, December 21, 2025

आज सुनील चिपडे को दिया जाएगा रंगकर्मी सम्मान…शाम को होगा अंधेरे में नाटक का मंचन

IMG-20251028-WA0037
IMG-20251028-WA0044
IMG-20251028-WA0043
IMG-20251028-WA0036
IMG-20251028-WA0039
IMG-20251028-WA0041
Must Read

रायगढ। इप्टा रायगढ़ के नाट्य समारोह रंग अजय में आज अग्रज नाट्य दल के निर्देशक सुनील चिपडे को आज अपरान्ह 11 बजे पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में शरत चंद्र वैरागकर स्मृति रंगकर्म सम्मान दिया जाएगा। यह इस सम्मान का 12वां वर्ष है। हर वर्ष रंगकर्म के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता है। इप्टा रायगढ़ के साथ साथ रायगढ़ की विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी हर वर्ष यह सम्मान किया जाता है। पूर्व वर्षो में ये सम्मान संजय उपाध्याय, सीमा विश्वास, मानव कौल, कुमुद मिश्रा, बंशी कौल, सीताराम सिंह को दिया जा चुका है।

“रंग अजय” के दूसरे दिन संक्रमण का हुआ मंचन
संक्रमण पारिवारिक संबंधों के ताने-बाने से बुनी हुई प्रसिद्ध कथाकार कामतानाथ की कहानी “संक्रमण” का नाट्य रूपांतरण है। इस नाटक में पिता-पुत्र के बीच द्वंदात्मक रिश्ते को बख़ूबी दर्शाया गया था। पुत्र अपने पिता के रवैये से नाखुश रहता है और पिता मानते है कि उनका पुत्र उनके हिसाब से उनके जीवन मूल्य के अनुरूप खरा नही उतरता। मंच पर पिता के रूप में रविन्द्र चौबे, पुत्र के किरदार में विवेक तिवारी और माँ के किरदार में शिवानी मुखर्जी ने अच्छा प्रदर्शन किया। प्रकाश श्याम देवकर का था, ध्वनि विकास तिवारी का था।

आज होगा “अंधेरे में” का मंचन
नाट्य उत्सव के तीसरे दिन अग्रज नाट्य दाल की प्रस्तुति अंधेरे में का मंचन होगा। यह नाटक गजाजन माधव मुक्तिबोध की कविता अंधेरे में का लाइट एवं साउंड शो के साथ नाट्य रूपांतरण है। व्यवस्था, राजनीति और आम आदमी के बिम्बो के साथ हर दौर में ये रचना मुकम्मल है। हम भी प्रस्तुति दर प्रस्तुति व्यवस्था के बरक्स खड़े कलाकारों की तरह उन सिंबल्स को फ्रेम करते रहे कि खुद के साथ औरो को चिकोटी काट सके । प्रस्तुति में काली लाल पोशाके शब्दों के राइट में रहने के लिए हैं और व्यक्ति, चेहरा, कलाकार के पीछे शब्द ध्वनि का प्रभाव मूल में रहे इस लिए मेकअप के नाम पर सफेद आड़ी तिरछी लकीरें हैं। कलाकार गुमनाम होकर मंच पर है. ताकि कविता जिस तरह पाठक की हो जाती है। उसी तरह दर्शक- श्रोता की हो जाये। बिम्बो का इशारा बस हमने किया है। उन इशारों में आप शामिल हो सकते हैं। रंगमंच पर कविता की साझेदारी के साथ मूल कविता बनी रहे ये कोशिश हैं. कोई दावा नहीं। इन्ही छोटी छोटी कोशिश में परिणाम छिपे होते ही हैं।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
Latest News

अवैध शराब तस्करी में संलिप्त आरोपी गिरफ्तार, आरोपी से जब्त 30 लीटर शराब व स्कूटी जब्त, पुसौर पुलिस की कार्यवाही

रायगढ़, 20 दिसंबर । अवैध शराब के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत पुसौर पुलिस ने महुआ शराब...

More Articles Like This

error: Content is protected !!