रायगढ़। शहर में इन दिनों मीना बाजार के तंबू लगने शुरू हो चुके हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है इस बार विरोध नहीं किया जा रहा। और ना ही इसकी चर्चाएं हैं। लोगों का कहना है यह सब सत्ता का दबदबा है जो मीना बाजार के लिए पिछले कई सालों से विरोध करते थे उन्होंने चुप्पी साध ली है।
पिछले कुछ सालों से मीना बाजार लगने के 3 महीने पहले से ही विरोध के स्वर तेज हो जाते थे जहां वार्डवासी सहित जनप्रतिनिधि, युवा वर्ग, मीना बाजार को लेकर काफी हंगामा किया जाता था। वार्डवासी कई प्रकार की समस्या को गिनते थे। जिसे लेकर हाई कोर्ट तक याचिका लगाई जा चुकी है। इस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एसडीएम को यथा स्थिति रखने के निर्देश दिए थे। हालांकि जिला प्रशासन ने पिछले वर्ष हाई कोर्ट के निर्देशों का उलझन किया था जिसे यह लग रहा था की आने वाले वर्षों में मौदहापारा क्षेत्र में मीना बाजार लगाने की अनुमति नहीं मिलेगी। लेकिन इस बार बिना विरोध के ही मीना बाजार लगने की शुरुआत हो चुकी है।

वार्ड की सभी समस्याएं क्या सुलझ गई…
सावित्री नगर में मीना बाजार लगने से वहां रहने वाले सभी लोगों को अनेक प्रकार की समस्याओं से हर दिन किसी न किसी प्रकार की मुसीबत होती ही है। विश्वासगढ़ चर्च रोड से ही भीड़भाड़ शुरू हो जाती है। हजारों की संख्या में लोग मीना बाजार घूमने आते हैं छोटी और तंग सकरी गली, दिन भर भीड़भाड़ होती है जहां हर 5 मिनट में जाम की स्थिति आपको देखने के लिए मिल जाएगी। ऐसी स्थिति में मीना बाजार का लगाना क्या उचित है। जो घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
इमरजेंसी में एंबुलेंस का इलाके में घुसाना भी मुश्किल हो जाता है। क्या इस गली में यातायात की व्यवस्था की गई है।
इसी मीना बाजार के पास, अंडर ब्रिज रेलवे लाइन, रैकपॉइंट, सामाजिक तत्वों का जमावड़ा, मीना बाजार के पास ही शराब भट्टी, जो मीना बाजार का माहौल खराब करता है। मीना बाजार घूमने के लिए लोग परिवार सहित आते हैं। किसी भी समय बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है। कई बार मारपीट की स्थिति निर्मित हो गई है। मीना बाजार के बाहर ही मामले को रफा दफा भी किया गया है।
हाई कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना
हाई कोर्ट ने यातायात विभाग, जिला प्रशासन, रेलवे, को सख्त निर्देश दिए थे कि यदि ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है तो यातायात विभाग की संपूर्ण जिम्मेदारी है। जाम की स्थिति निर्मित ना हो, तथा भारी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक के ऊपर से पार कर आना जाना ना करें इसके लिए रेलवे को ट्रैक पर जाली लगाना होगा, तथा जिला प्रशासन को भी नियमों का पालन करना होगा।










