घरघोड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बगचबा के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा एक बड़ा आदेश पारित किया गया। ग्राम पंचायत बगचबा में हुए शौचालय निर्माण में अनियमितताओ के संबंध शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत घरघोड़ा द्वारा जांच दल का गठन कर शिकायत के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। जांच प्रतिवेदन के आधार पर 6,72,000 रुपए का अग्रिम भुगतान ठेकेदार पदुम पटेल को दिया जाना किंतु ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया जाना पाया गया। जिसपर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा द्वारा ग्राम पंचायत बगचबा के सरपंच एवं सचिव को उक्त राशि जमा करने हेतु निर्देशित किया गया। जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता सचिव गया प्रसाद राठिया द्वारा अपने अधिवक्ता आशुतोष मिश्रा एवं सत्यजीत शर्मा के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रीट याचिका प्रस्तुत की गई। जिसमें पैरवी के दौरान श्री मिश्रा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को छत्तीसगढ पंचायत राज अधिनियम, 1993 में निहित प्रावधानों के विपरीत बताया एवं अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को विधि एवं प्रक्रिया के विरुद्ध बताते हुए अपने तर्क प्रस्तुत किया। जिसपर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ की एकलपीठ माननीय न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू जी द्वारा प्रथम दृष्टया अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा के आदेश पर रोक लगा कर याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की गई है इसके साथ ही शासन को प्रकरण में जवाब प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया है ।